how to do vashikaran-kaise hota hai Fundamentals Explained
how to do vashikaran-kaise hota hai Fundamentals Explained
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हम आध्यात्मिक प्रक्रिया को हर समय कैसे जारी रख सकते हैं, इस बारे में सद्गुरु एक प्रश्न का जवाब देते हैं और बताते हैं कि हमारी पसंद और नापसंद किस तरह हमें बांधती हैं।
दोस्तों आज की पोस्ट यक्षिणी साधना आपको कैसी लगी हमें जरूर बताए.
ये स्वरूप एक माता, प्रिया प्रेमिका या पत्नी का हो सकता है.
वशीकरण साधना के द्वारा व्यापार को बढ़ाया जा सकता है.
चण्डवेगा यक्षिणी : दिव्य रसायन पूर्ति.
It might also require bringing some object belonging to the desired man or woman, like an post of clothing or possibly a lock of hair.
शाहतूर परी के शरीर से हीना और इत्र की खुशबु पुरे वातावरण में फ़ैल जाती है.
इसके द्वारा किसी के दिमाग में अपने लिए ख़ास जगह बनाई जा सकती है.
अगर किसी को लगता है कि वह जीवन में प्रेम से वंचित है तो कामदेव का आह्वान करें। यदि कोई एक तरफा प्रेम से गुजर रहा है और दूसरे के हृदय में प्रेम की भावना उत्पन्न करना चाहता है तो इस शक्तिशाली कामदेव मंत्र से कामदेव का आह्वान करें। अगर शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच प्यार और रोमांस कम हो रहा है तो इस प्रेम मंत्र का प्रयोग जीवन को फिर से गर्म करने के लिए करें। यदि शारीरिक कमज...
कर्णपिशाचिनी यक्षिणी : समाचार देने वाली ( काल ज्ञान )
काला जादू - अगर किसी ने कुछ किया है तो क्या है उस जादू का तोड़? सद्गुरु हमें बता रहे हैं कि किन तरीकों से काला जादू किया जा सकता है। साथ ही वे हमें काला जादू से बचने के उपाय भी बता रहे हैं।
A single need to endure the entire process of purification before starting the method and sit peacefully at an area. 1 really should retain the photo proper in front of them when they are going to start the whole process of Vashikaran by shot and need to execute the Totke.
इन्हें विशेष मंत्रों के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है.
कृपा का सही मतलब क्या है और किस तरह से हम अपने आपको कृपा के लिये उपलब्ध करा सकते हैं? यहाँ सद्गुरु समझा रहे हैं कि कृपा कोई अमूर्त, गैरहाजिर विचार या कल्पना नहीं है पर ये एक जीवित शक्ति है जिसे हम अपने जीवन में more info आमंत्रित कर सकते हैं। वे आगे समझा रहे हैं कि कैसे हम अपने आपको कृपा का पात्र बना सकते हैं, और कृपा हमारे लिये क्या-क्या कर सकती है?